होली के मौके पर Kajol के चाचा का निधन, Mukherjee Parivar पर टूटा दुखों का पहाड़

Deb Mukherjee Death : बॉलीवुड के वरिष्ठ अभिनेता, निर्माता-निर्देशक और प्रतिष्ठित फिल्मी परिवार के सदस्य देब मुखर्जी का आज सुबह 83 साल की उम्र में निधन हो गया। वे काफी समय से बीमार थे और अस्पताल में उनका इलाज चल रहा था। हालांकि, उनकी हालत में कोई खास सुधार नहीं हुआ और आज होली की सुबह करीब 7:30 बजे उन्होंने अपने मुंबई स्थित घर पर अंतिम सांस ली।

आज शाम 4 बजे होगा अंतिम संस्कार

देब मुखर्जी के परिवार से जुड़े एक करीबी सदस्य ने जानकारी दी कि उनका अंतिम संस्कार आज शाम 4:00 बजे मुंबई के विले पार्ले स्थित पवन हंस श्मशान गृह में किया जाएगा। उनके निधन की खबर सुनते ही फिल्म जगत में शोक की लहर दौड़ गई है।

 

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बॉलीवुड के प्रतिष्ठित परिवार से थे देब मुखर्जी

देब मुखर्जी का जन्म एक प्रतिष्ठित फिल्मी परिवार में हुआ था। वे मशहूर फिल्म निर्माता शोमू मुखर्जी के भाई थे, जिनकी शादी दिग्गज अभिनेत्री तनुजा से हुई थी। इस नाते, वे बॉलीवुड अभिनेत्री काजोल और तनीषा मुखर्जी के चाचा थे। उनके एक अन्य भाई, जॉय मुखर्जी, भी हिंदी सिनेमा के प्रसिद्ध अभिनेता रहे हैं।

मुंबई के सबसे बड़े दुर्गा पूजा उत्सव के आयोजक

देब मुखर्जी सिर्फ एक अभिनेता ही नहीं बल्कि सांस्कृतिक आयोजनों से भी गहराई से जुड़े हुए थे। वे ‘नॉर्थ बॉम्बे सार्वजनिक दुर्गा पूजा पंडाल’ के आयोजकों में से एक थे। यह मुंबई का सबसे बड़ा दुर्गा पूजा उत्सव माना जाता है, जिसमें हर साल काजोल, रानी मुखर्जी और बॉलीवुड की कई नामी हस्तियां शामिल होती थीं।

अभिनय में सफलता नहीं, लेकिन फिल्म इंडस्ट्री से रहा गहरा नाता

देब मुखर्जी ने 60 और 70 के दशक में कई फिल्मों में काम किया, लेकिन उन्हें बड़ी सफलता नहीं मिल सकी। उन्होंने ‘कराटे’ (1983), ‘बातों बातों में’ (1979), ‘मैं तुलसी तेरे आंगन की’ (1978), ‘हैवान’ (1977), ‘किंग अंकल’ (1993), ‘बंधु’ (1992), ‘आंसू बने अंगारे’ (1993), ‘ममता की छांव में’ (1989) और ‘गुरु हो जा शुरू’ (1979) जैसी फिल्मों में अभिनय किया।

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परिवार और फैंस में शोक की लहर

देब मुखर्जी के निधन की खबर सुनते ही बॉलीवुड और उनके चाहने वालों में शोक की लहर दौड़ गई है। उनके परिवार और करीबी रिश्तेदारों ने बताया कि वे एक सरल और धार्मिक प्रवृत्ति के व्यक्ति थे, जो परिवार और संस्कृति को प्राथमिकता देते थे।