टीवी इंडस्ट्री के प्रेशर पर बोलीं Isha Malviya , हर किसी को खुश करना मुमकिन नहीं, मैं खुद के लिए काम करती हूं
उड़ारियां' और 'बिग बॉस 17' फेम एक्ट्रेस ईशा मालवीय ने बताया कैसे वो बिना दबाव के काम को एंजॉय करती हैं और क्यों उन्हें खुद पर वर्सेटाइल एक्ट्रेस होने का गर्व है।
Isha Malviya On TV Work Pressure : ‘उड़ारियां’ से घर-घर में पहचान बनाने वाली और ‘बिग बॉस 17’ की चर्चित कंटेस्टेंट रह चुकीं एक्ट्रेस ईशा मालवीय ने हाल ही में टीवी इंडस्ट्री में वर्क प्रेशर को लेकर खुलकर बात की। उन्होंने अपने अनुभव साझा करते हुए बताया कि वो किसी भी किरदार को निभाते वक्त मानसिक दबाव नहीं लेतीं, बल्कि हर रोल को एक नए चैलेंज की तरह स्वीकार करती हैं।
ईशा का कहना है, “मुझे अभिनय से खुशी मिलती है और यह मेरा आत्मविश्वास बढ़ाता है। मैं खुद को वर्सेटाइल एक्ट्रेस मानती हूं, जो किसी भी तरह की भूमिका को निभाने के लिए तैयार रहती है।”
जब उनसे पूछा गया कि क्या खुद से बिलकुल अलग किरदार निभाना मुश्किल होता है, तो उन्होंने साफ कहा, “मैं काम को लेकर कभी कन्फ्यूज नहीं होती। मैं सिर्फ अपने परफॉर्मेंस पर ध्यान देती हूं, किसी को कुछ साबित करने के लिए नहीं, बल्कि खुद की संतुष्टि के लिए काम करती हूं।”
टीवी इंडस्ट्री में अपेक्षाओं के प्रेशर को लेकर ईशा ने बेहद संतुलित जवाब दिया। उन्होंने कहा, “यह सच है कि इंडस्ट्री में लोगों को मुझसे बेहतर काम की उम्मीद रहती है, लेकिन मैं इस दबाव को अपने ऊपर हावी नहीं होने देती। हर किसी को खुश करना मुमकिन नहीं है, इसलिए मैं केवल अपने टारगेट और ग्रोथ पर फोकस करती हूं।”
अपने करियर गोल्स को लेकर ईशा ने कहा कि उनके लिए स्पष्टता सबसे जरूरी है। चाहे वो अगले 30 दिन हों या 30 साल, उन्हें हमेशा पता होता है कि उन्हें क्या हासिल करना है।
साल 2021 में ‘उड़ारियां’ से अपने करियर की शुरुआत करने वाली ईशा को शो में जैस्मीन के किरदार से जबरदस्त लोकप्रियता मिली थी। इसके बाद उन्होंने ‘बिग बॉस 17’ में अपनी दमदार उपस्थिति से लोगों का ध्यान खींचा। वह म्यूजिक वीडियो ‘पांव की जुत्ती’ और गौहर खान के शो ‘लवली लोला’ में भी नजर आ चुकी हैं।
Read More: Salman Khan के साथ काम करने को लेकर बोली Palak Tiwari उनके साथ काम करने का मतलब….. कर दी हद पार
ईशा मालवीय का ये नजरिया आज की यंग जेनरेशन के लिए एक प्रेरणा है—खुद पर भरोसा रखो, लक्ष्य स्पष्ट रखो और काम का आनंद लो, बिना किसी सामाजिक दबाव के।